इसे 18वीं शताब्दी में मैसूर साम्राज्य के शासक टीपू सुल्तान ने बनवाया था। किला इमारतों का एक बड़ा परिसर है, जिसमें एक महल, एक मस्जिद और कई बैरक शामिल हैं।
यह वास्तुकला की इंडो-इस्लामिक शैली में बनाया गया है, और इसकी जटिल नक्काशी और सागौन की लकड़ी के उपयोग के लिए उल्लेखनीय है। किले को बैंगलोर को हमले से बचाने के लिए बनाया गया था,
1791 में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने किले पर कब्जा कर लिया और टीपू सुल्तान युद्ध में मारा गया। 20वीं सदी की शुरुआत तक इस किले का इस्तेमाल अंग्रेजों द्वारा एक सैन्य अड्डे के रूप में किया जाता था।
टीपू सुल्तान का किला एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा प्रबंधित किया जाता है, और जनता के लिए खुला है। किला टीपू सुल्तान की विरासत की याद दिलाता है
संग्रहालय में टीपू सुल्तान के शासनकाल की विभिन्न कलाकृतियों को प्रदर्शित किया गया है, जिसमें हथियार, गहने और कपड़े शामिल हैं। और यह 18वीं शताब्दी की सैन्य वास्तुकला का एक आकर्षक उदाहरण है।
टीपू सुल्तान का किला इतिहास और वास्तुकला के बारे में जानने के लिए एक आकर्षक जगह है। बैंगलोर के किसी भी आगंतुक के लिए यह एक जरूरी यात्रा है।